Description
प्रिय मित्र,
नमस्कार,
जिंदगी में कौन आगे बढ़ना नहीं चाहता? लेकिन हर कदम पर चुनौतियां, हर कदम संघर्ष, हर कदम प्रतिस्पर्धा| कोई आगे बढे भी तो कैसे ?
ऐसे समय में वे सबक काम आते हैं जो दूसरों के संघर्षों, दूसरों की चुनौतियों की बदौलत हमें मिलते हैं | ये सबक, जीवन की राह को आसान बनाने में बेहद उपयोगी साबित होते हैं | हमारे लिए ये सबक उस प्रकाश स्तम्भ की तरह हैं जो अँधेरे में जहाजों को सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए बेहद जरूरी हैं, क्योंकि यदि व्यक्ति अपने जीवन की दिशा भटक जाए तो उसके सभी प्रयास, समय और धन व्यर्थ चले जाते हैं| इस पुस्तक में ऐसे व्यावहारिक सबक़ शामिल किये गए हैं
जो जरूरी हैं, पढ़ने के लिए , समझने के लिए और जीवन में अपनाने के लिए|
असल में हमारी सीखने की क्षमता और जीवन में उस सीख को उतारने की इच्छा ही हमें सफलता की और अग्रसर करती है| आप यकीन मानिये, इस में समाहित कुछ तथ्य बेहद कठोर परिस्थितियों से निकलने के बाद ही सामने आये हैं ये जीवन की हक़ीक़त है, जीवन के तजुर्बे हैं , सच्चे, लेकिन कठोर अनुभव हैं |
इन अनुभवों का सार है ये पुस्तक.
अनमोल वाक्यों का खज़ाना है ये |
इस में इस प्रकार के सबक समाहित हैं जो आपको सफलता के मार्ग पर चलने के लिए आपके भीतर की आग को प्रज्वलित करने का काम करेंगे ।
मैं अपनी यह पुस्तक स्वर्गीय श्री परमानंद गाबा (दादाजी), स्वर्गीय श्री मती शान्ति देवी (दादी जी), स्वर्गीय श्रीमती अनुराधा रानी अरोड़ा (माता जी), स्वर्गीय शैलेंद्र शंकर अरोड़ा (बड़े भाई) एवं अपने पिताजी स्वर्गीय श्री निरंजन दास अरोड़ा को समर्पित करता हूं। इन सब की बदौलत ही मैं जो कुछ भी कर पा रहा हूं, वह कर पा रहा हूं। ये सभी मेरी जिंदगी का एक अटूट हिस्सा हैं और मेरे प्रेरणास्रोत हैं।
सफलता पाने के लिए अग्रिम शुभकामनाएं।
राघव अरोड़ा





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